आज फिर तेरी बातों में मैं उलझ कर रह गया, वो सिमटा हुआ दिल मचल कर रह गया |
चाह कर भी तुझसे कह न पाया जो कहना था , मैं मेरे दिल में ही सिमट कर रह गया ||
चाह कर भी तुझसे कह न पाया जो कहना था , मैं मेरे दिल में ही सिमट कर रह गया ||
जब भी तुझे अपने करीब पाता हूँ , एक आहट सी दिल में और मुस्कराहट को लबों पे पाता हूँ |
कहना तो चाहता हूँ बहुत कुछ , पर होंठो पर हमेशा एक सीलन सी पाता हूँ |
खुदा गवाह हैं इस चीज का, की मैं तुम्हे कितना चाहता हूँ ||
उन अरमानो को मैंने दबा रखा है, ऐसा नहीं है की मुझे तुमसे कोई खता है
मेरा दिल तो उसी दिन से घायल है, जब से मेरी आँखों को तुम्हारा बस एक दीदार हुआ है
करीब आना चाहता था तुम्हारे दिल के, पर तुम्हारी बातों ने ही मुझे मजबूर कर रखा है
समझती हो तुम सिर्फ दोस्त मुझे, तो कैसे तुम्हारा भरोसा तोड़ सकता हूँ
तुम्हे कैसे दोस्ती तोड़ने पर मजबूर कर सकता हूँ
सिर्फ मैं ही जानता हूँ की मैंने खुद को कितना सम्भाल रखा हैं
उस दिन जब तुम्हे किसी और की बाहों में देखा, तो खुद पर कभी तरस आया तो कभी गुस्सा
कभी भगवान को कोसा, तो कभी अपने आपको
कई महीने लगे खुद को सँभालने में||
पर सालों बाद जब कल तुम्हे खुश देखा तो लगा ,
अपने प्यार की जीत हुई है,
उन अरमानो की जीत हुई है जो मैंने दबा रखे थे,
उस घायल दिल की जीत हुई है जो तुम्हारे लिए हर पल तडपता था,
उन अनकहे शब्दों की जीत हुई है जो आज भी मेरे दिल के किसी कोने में दबे पड़े हैं,
और जीत हुई है उस दुरी की जो मैंने तुमसे बना रखी थी .
तो आज उस जीत पर मैं बड़ा खुश हूँ |
CHEERS FOR THIS WIN…..
if you say 'i am falling in love' than definitely you are not in love....because love never make u fall....rather u will fly when you will be in love....dedicated to all lovers:-):-):-)