इन सपनो के बीच कुछ अपनों को देखा करते है,
उन अपनों के बगेर अब रहना सीख ले
खुश रहकर जीना सीख ले!
इन सुनहरी किरणों के बीच जाने को दिल करता है,
पर पंख बगेर धरती पर रहना पड़ता है,
अब बिना उड़े भी रहना सीख ले,
खुश रहकर जीना सीख ले!
गम के बादल उमड़ रहे, देखना कब बरस पड़ते है,
इन बदलो के सायें में भी अब रहना सीख ले,
खुश रहकर जीना सीख ले!
ये जाने वाला पल फिर न आएगा,
खुशियों को समेट कर यूँ ही चला जायेगा,
अब गम में भी रहना सीख ले,
खुश रहकर जीना सीख ले!
खुश रहकर जीना सीख ले!!!
पर पंख बगेर धरती पर रहना पड़ता है,
अब बिना उड़े भी रहना सीख ले,
खुश रहकर जीना सीख ले!
गम के बादल उमड़ रहे, देखना कब बरस पड़ते है,
इन बदलो के सायें में भी अब रहना सीख ले,
खुश रहकर जीना सीख ले!
ये जाने वाला पल फिर न आएगा,
खुशियों को समेट कर यूँ ही चला जायेगा,
अब गम में भी रहना सीख ले,
खुश रहकर जीना सीख ले!
खुश रहकर जीना सीख ले!!!
The thing Which Actually came into my mind is:
ReplyDeleteSeekh le, ankhon Me aankhain daal Seekh le, Har pal me Jeena yaar, seekh le,
Jeevan k pal hain chaar, Yaad Rakkh.. marna hai Ek baar...... Marne se pehle jeenaaaaa... Seekh le...
hahaha..........:)
ReplyDeletesahi h